तेरी एक प्याली चाय
तेरी एक प्याली चाय
दिलाती है एहसास
वक़्त की रफ़्तार का
भागते से लम्हों के बीच
कुछ पलों के ठहराव का
तेरी एक प्याली चाय
सुनाती है कहानी
कभी चलती, कभी रुकी सी
जीवन की लम्बी दास्ताँ
कुछ कही, कुछ अनकही सी
तेरी एक प्याली चाय
भिगाती है पलकें
याद कर उन्हें, जो छूट गए
वो कच्चे पक्के रिश्तों के धागे
कुछ बने, कुछ टूट गए
तेरी एक प्याली चाय
लगाती है मरहम
फिर दिखा बिखरे वो कई सपने
जो थे जब कुछ न था
कुछ अरमान, कुछ वो, बहुत अपने
तेरी एक प्याली चाय
करती है गुदगुदी
यादकर बचपन की उमंग कोई
वो गली मोहल्ले की शरारत
फिर जगाकर वो याद सोई
तेरी एक प्याली चाय
करती है वादा
फिर नई शुरूआत का
बीते वक़्त से निकल
फिर उभरते प्रभात का
तेरी एक प्याली चाय
सिखाती है मुझे
जीने के गहरे राज़ कभी
छोटे पलों से बने ज़िन्दगी
भर बटोर लो ये पल सभी
आज ये, एक प्याली चाय
कराती है आभास
तेरे लौट जाने का
उन खट्टी मीठी यादों में
कुछ खोने , बहुत पाने का
तेरी एक प्याली चाय
दिलाती है एहसास
वक़्त की रफ़्तार का
भागते से लम्हों के बीच
कुछ पलों के ठहराव का
Oh my God..... What an expression and deep content.... Though I had read yours English poetry, this one has really surprised and impressed me.... Proud of you di....
ReplyDeleteKudos
Beautiful meaningful writeup, so aptly discribes emotions connected with a simple act .
ReplyDeleteBeautiful poem GJ😊
ReplyDeleteWow , never knew this side of GJ ! Truly an awesome Rare Talent , quite Intense ... Deepak
ReplyDeleteYou have an amazing command over Hindi language too GJ...very nice.
ReplyDeleteThanks all
ReplyDeleteBeautifully rendered..with small topic.. :)
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